Monday, August 30, 2010

Yes it’s me

Me .......and Me .....
and Me Me

Me

Me


and Me
Now…॥ a poem of my cute daughter …..

Yes in this life

Meeting with you
in life
is like meeting hands
with the sky

Departure with you
means broken relations
with the
mother earth


May I libérate the
sky to make
full mockery
or shirk my hands
to toil in the soil

May I spread seeds on
dream land of mine
which is smeared
with fine algae
and wait for a long

May I throw life
that I lived
like squeezed lime
or preserve it like
Precious stone

May I tell speechless tale
to the time that come

How many decisions
can I take
in this life
only


---विपिन chaudhary

Tuesday, August 24, 2010

गुलगुले (मीठे पकोड़े)

चीनी और गेहूं के आटे के मीठे पकोड़े
हरियाणा में तीज पर सुहाली, गुलगुले बनाना परम्परा का हिस्सा है.....

सामग्री:
गेहूं का आटा (आटा) - 250 ग्राम
गुड - 100 ग्राम
पानी 1 कप
सौंफ़ (Saunf) - 1 / 2 tsp
तेल - तलने के लिए
दही / दही - 2 त्स्प\


बनाने का तरीका:

  • एक कटोरी पानी में गुड मिक्स करें और रात भर के लिए रख दें , ताकि सुबह तक यह पिघल जाएँ।
  • अब गेहूं का आटा और गुड का पानी अच्छी तरह मिक्स करें ।
  • 5 मिनट के लिए मिश्रण को मिक्स करें ताकि, गुलगुले फुले हुए और नरम बनें।
  • एक घंटे के लिए खमीर विकसित करने के लिए अलग रखें।
  • एक पैन में तेल गर्म करें . मिश्रण में सौंफ अच्छी तरह मिलाएं . तैयार मिश्रण का १-१ चम्मच गर्म तेल में डालती जाएँ और एक मिनट बाद पलटें, दोनों तरफ से सुनहरा भूरे रंग होने तक तलें। आप गुलगुले देसी घी में भी तल सकते हैं.

गर्म -गर्म परोसें यह बहुत स्वादिष्ट लगते हैं.

Tuesday, August 3, 2010

मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ

हंस की सालाना गोष्ठी ३१ जुलाई को दिल्ली में हुई हंस हिंदी की पत्रिका मुंशी प्रेमचंद जी १९३० से किकालते थे जो बाद में क्न्हीं कारणों से बंद कर दी गई थी . इसे बाद में राजेन्द्र यादव जी ने बाद में फिर से निकालना शुरू किया हंस की गोष्ठी में हंगामा इस बार हंगामा हुआ एस पर मेरी बेटी की प्रतिक्रिया पढ़ें

Vipin Choudhary http://www.janjwar.com/

जनज्वार

www.janjwar.com


मेने मुंशी प्रेमचंद की अधिकतर कहानियाँ पढ़ी हैं आप भी इन्हें पढिये. आज के परिपेक्ष में भी ये तर्कसंगत हैं ..इन्हें यहाँ पढ़ें ..

Munshi Premchand Ki Kahaniya.