सुकन्या समृद्धि खाता योजना
सुकन्या समृद्धि खाता योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान के तहत की थी. इसके तहत दस साल तक की कन्याओं के खाते डाकघरों या बैंकों में खोले जाने हैं. सरकार के इस कदम का उद्देश्य घटते लिंगानुपात और भेदभाव को दूर करने के लिए लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करना है. योजना के तहत बच्ची पैदा होने पर बैंक खाता खुलवाया जा सकता है. खाते की न्यूनतम जमा राशि एक हजार रुपए जबकि इसमें एक वित्त वर्ष में डेढ़ लाख रुपए तक जमा कराए जा सकेंगे.
शुरु में इस इस खाते का परिचालन बालिका के अभिभावक करेंगे. बालिका के 10 साल की होने पर वह खुद इसका परिचालन कर सकेगी. खाताधारक की मृत्यु होने पर इसे तत्काल बंद कर दिया जाएगा और खाते में रखी राशि का खाता बंद होने के पिछले महीने तक के ब्याज के साथ भुगतान कर दिया जाएगा. सबसे बड़ी बात है कि यह खाता बालिका के साथ ही उसकी जगह के हिसाब से स्थानांतरित होता रहेगा. यानी इसे देश में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है.
सरकार का कहना है कि बालिका के 18 साल का होने के बाद 50 प्रतिशत जमा राशि उसकी उच्च शिक्षा या विवाह के लिए निकाली जा सकती है. इस पर देय ब्याज दर की हर साल घोषणा होगी. वित्तवर्ष 2014—15 के लिए इस पर 9.1 प्रतिशत की ब्याज देय होगा.
इसके साथ ही सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खुलने वाले खातों को टैक्स से छूट देने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत खुलने वाले खातों को आयकर कानून की धारा 80-सी के तहत छूट दी जाएगी.
सरकार का लक्ष्य: डाक विभाग ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ अभियान के तहत इस साल 31 मार्च तक एक करोड लघु बचत खाते खोलने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. इसे 21 वर्ष तक या कन्या के 18 वर्ष के होने के बाद उसकी शादी होने तक चलाया जा सकता है.